2002 में गुजरात के गुलबर्ग सोसाइटी दंगों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि
विशेष जाँच दल यानी एसआईटी की रिपोर्ट अब निचली अदालत के सामने रखी जानी चाहिए और
वही इस पर सुनवाई करेगी.
राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधियों को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में ख़ुद कोई ऐसा फ़ैसला सुनाएगी जिससे मोदी पर निशाना साधा जा सके.
वहीं भारतीय जनता पार्टी इसे मोदी के पक्ष में जीत के तौर पर दिखा रही है. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने तो कहा, "नरेंद्रभाई ने आज अग्निपरीक्षा पास कर ली. उन्हें मेरी ओर से हार्दिक बधाई. सत्यमेव जयते. वर्षों बाद आज सत्य की विजय हुई."
क्या आपको लगता है कि इससे नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिल गई है? क्या मोदी के दामन पर लगे दाग़ इससे धुल जाएँगे और उन्हें ख़ुद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंध यानी एनडीए में राजनीतिक स्वीकार्यता मिल पाएगी?
राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधियों को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में ख़ुद कोई ऐसा फ़ैसला सुनाएगी जिससे मोदी पर निशाना साधा जा सके.
वहीं भारतीय जनता पार्टी इसे मोदी के पक्ष में जीत के तौर पर दिखा रही है. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने तो कहा, "नरेंद्रभाई ने आज अग्निपरीक्षा पास कर ली. उन्हें मेरी ओर से हार्दिक बधाई. सत्यमेव जयते. वर्षों बाद आज सत्य की विजय हुई."
क्या आपको लगता है कि इससे नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिल गई है? क्या मोदी के दामन पर लगे दाग़ इससे धुल जाएँगे और उन्हें ख़ुद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंध यानी एनडीए में राजनीतिक स्वीकार्यता मिल पाएगी?
ऐसा समझना भूल होगी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में सुनवाई के लिए कहा है. हाँ इससे मोदी को फ़ायदा ज़रूर होगा क्योंकि गुजरता में उनकी हुकूमत है. लेकिन मेरे ख़्याल से सुप्रीम कोर्ट को इसकी सुनवाई ख़ुद करनी चाहिए थी ताकी इंसाफ़ बराबर हो सके लेकिन अब पूरी तरह इंसाफ़ होना मुश्किल है. इसलिए भाजपा वाले जश्न मना रहे हैं क्योंकि सुनवाई उनके घर में होने वाली है.
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